उद्योग आधार लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम मंत्रालय, छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए भारत सरकार द्वारा प्रदान किया जाने वाला एक बारह अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या है, जिसकी शुरुआत सितंबर 2015 में हुई थी।. इसे व्यापार के लिए आधार के रूप में भी जाना जाता है। आधार उद्योग ऋण के नाम से भी जाना जाता है।
आधार उद्योग या उद्योग आधार इसको लेकर अधिकतर कारोबारी कन्फ्यूजन में रहते हैं। सबसे पहले इसको स्पष्ट करना ठीक रहेगा। दरअसल Udyog Aadhar और आधार उद्योग दोनों एक ही है। बस इसके नामकरण में कई बार लोग आधार उद्योग बोल देते हैं तो कई बार Udyog Aadhar योजना।
1947 में जब भारत को जब इंग्लैण्ड शासन से स्वतंत्रता मिली तब के समय चीजे बहुत बिखरी हुईं थी। भारत के लोगों का कोई एक पहचान पत्र नही हुआ करता था। सभी राज्य अपनी सुविधानुसार पहचान पत्र की मांग करते थे।कुछ समय बाद भारत में आम चुनाव हुआ और जवाहरलाल नेहरु को प्रधानमंत्री चुना गया। इसके बाद लीडरशिप ने देश के नागरिकों की पहचान और सरकारी सुविधाओं का लाभ देने के लिए निर्वाचन कार्ड (वोटर कार्ड) का इस्तेमाल करना शुरु कर दिया।समय बहुत तेजी से बदला। 80 का दशक आते – आते तकनीकी यानी टेक्नोलॉजी भारत में अपना पैर पसारने लगी। 1990 के बाद भारत में टेक्नोलॉजी ने अपना प्रभाव दिखाना शुरु कर दिया। चीजें टेक्नोलॉजी से चलाने लगी।इन सब बदलावो के बीच देश में एक ऐसा नागरिक पहचान पत्र की मांग होने लगी जिससे सभी नागरिकों की पहचान और उनके आवश्यक विवरण एक यूनिक नंबर पर दर्ज हों। 2016 में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) आधार अधिनियम 2016 के प्रावधानों के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत आधार कार्ड लांच किया गया।
आधार कार्ड लांच होने से भारत में यहां से नागरिकों को एक 12 अंकों का यूनिक पहचान नंबर मिला। 12 अंकों के इस यूनिक नंबर को आधार कार्ड नंबर कहा जाता है। इससें जहां भारत में कई दशकों से नागरिक पहचान की की कमी थी वह ख़त्म हो गई है।आधार कार्ड आने से देश के नागरिकों के साथ ही सरकार को बहुत अधिक लाभ हुआ। लाभ के क्रम में छोटे और मध्यम कारोबारियों को पहले स्थान पर रख सकते हैं। क्योंकि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकर द्वारा Udyog Aadhar योजना चलाई जा रही है। इस योजना द्वारा छोटे और मध्यम कारोबारियों की सीधे तौर पर लाभ मिलता है।
उद्योग आधार क्या है
सरकारी योजनाओं का मकसद लघु उद्योग का बढ़ावा देना और बंद पड़े या धीमी गति से चल रहे उद्यम को रफ़्तार देना होता है। ऐसे में जब किसी लोन योजना जैसे मुद्रा लोन योजना या अन्य कोई योजना शुरु की जाती है तो बहुत अधिक संख्या में कारोबारी आवेदन कर देते हैं।कई बार ऐसा भी होता है कि जिन उद्यमियों को बिजनेस लोन की जरूरत होती है उनको बिजनेस लोन योजना का लाभ नही मिल पाता है बल्कि किसी कम जरूरत वाले कारोबारी को लोन योजना का लाभ मिल जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बहुत अधिक आवेदन होने के चलते योग्य लाभार्थी की पहचान करना मुश्किल हो जाता है।स गफलत से बचने के लिए सरकार द्वारा एक तकनीक निकाली गई। योजना लाकर सभी छोटे और मध्यम उद्योग का रजिस्ट्रेशन करा लिया गया। इस योजना का नाम दिया गया “आधार उद्योग योजना”। आधार उद्योग योजना को उद्योग लोन योजना के नाम से भी जाना जाता हैइस योजना के अंतर्गत कारोबारी लघु उद्योगों से लेकर मध्यम उद्योगों का Udyog Aadhar योजना रजिस्ट्रेशन (Udyog Aadhar Registration) करा कर के सरकार की विभिन्न योजनाओं और सरकारी लोन योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन प्रोसेस कैसे होता है?
जैसे कि ऊपर बताया गया है आधार उद्योग रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस ऑनलाइन तरीके से होता है: आइये अब आपको आधार उद्योग के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के प्रोसेस के बारें में समझते हैं।
- सबसे पहले https://udyamregistration.gov.in/Government-India/Ministry-MSME-registration.htm वेबसाइट ओपन करें।
- वेबसाइट ओपन करने के बाद अपना आधार नंबर और कारोबारी का नाम लिखकर वैलीटीडेट और OTP जेनरेट करें।
- फॉर्म वैलीटीडेट होने के बाद उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन का फॉर्म खुल जायेगा।
- फॉर्म दो पार्ट में होगा। पहले पार्ट में कारोबारी की व्यक्तिगत जानकारी मांगी जाती है। फॉर्म के दूसरे पार्ट में कारोबार से संबंधित सभी तरह की जानकारी मांगी जाती है।
आधार उद्योग के फायदे क्या हैं?
आपके व्यवसाय के लिए उद्योग आधार पंजीकृत करने और उद्योग आधार नंबर प्राप्त करने के कई लाभ हैं। छोटे उद्यमों के संरक्षण, विकास और विकास के लिए एमएसएमई मंत्रालय द्वारा दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं से प्राप्त लाभों की सूची नीचे दी गई है। यही लाभ उद्योग आधार धारक भी उठा सकते हैं और उनके लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं।
उद्योग आधार के लाभ इस प्रकार हैं:-
- भुगतान में देरी के खिलाफ संरक्षण।
- विवादों का त्वरित समाधान
- बैंक से संपार्श्विक मुक्त ऋण
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में भाग लेने के लिए विशेष विचार
- चुंगी लाभ
- स्टाम्प शुल्क एवं पंजीयन शुल्क में छूट
- प्रत्यक्ष कर कानूनों के तहत कई छूट
- बारकोड पंजीकरण सब्सिडी
- एनएसआईसी प्रदर्शन और क्रेडिट रेटिंग पर सब्सिडी
- CGSTI के माध्यम से भारत सरकार से काउंटर गारंटी
- बैंकों से घटी ब्याज दर
- प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिए सीएलसीएसएस योजना के तहत 15% सब्सिडी
- सरकारी निविदाओं के लिए आवेदन करते समय छूट
- बिजली बिलों में रियायत
- आईएसओ प्रमाणन प्राप्त करने के लिए किए गए भुगतान की प्रतिपूर्ति
- OD . पर ब्याज में 1% की छूट
- इष्टतम कारणों से पात्र ऋण सीमा को रु. की राशि से बढ़ाना। 25 लाख से रु. 50 लाख
- गारंटी कवर की सीमा को 75% से बढ़ाकर 80% करना
- MSME/SSI द्वारा विशेष निर्माण के लिए उत्पादों का आरक्षण
- लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आसान पंजीकरण और अनुमोदन
- आईपीएस सब्सिडी के लिए पात्र
- सरकारी निविदाओं के आवंटन में वरीयता
- उत्पाद शुल्क छूट योजना
- बैंकों से घटी ब्याज दर
- पेटेंट पंजीकरण के लिए 50% सब्सिडी
- योजना का रजिस्ट्रेशन ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन भी होता है।
- किसी भी सरकारी योजना का लाभ सबसे पहले मितला है।
- एक व्यक्ति/एक कारोबार को एक ही बार उद्योग आधार नंबर मिलता है।
- प्रक्रिया काफी लचीली है।
- रजिस्ट्रेशन बिना कोई शुल्क दिए होता है।
उद्योग आधार लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम मंत्रालय, छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए भारत सरकार द्वारा प्रदान किया जाने वाला एक बारह अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या है, जिसकी शुरुआत सितंबर 2015 में हुई थी।. इसे व्यापार के लिए आधार के रूप में भी जाना जाता है। आधार उद्योग ऋण के नाम से भी जाना जाता है।
आधार उद्योग या उद्योग आधार इसको लेकर अधिकतर कारोबारी कन्फ्यूजन में रहते हैं। सबसे पहले इसको स्पष्ट करना ठीक रहेगा। दरअसल Udyog Aadhar और आधार उद्योग दोनों एक ही है। बस इसके नामकरण में कई बार लोग आधार उद्योग बोल देते हैं तो कई बार Udyog Aadhar योजना।
1947 में जब भारत को जब इंग्लैण्ड शासन से स्वतंत्रता मिली तब के समय चीजे बहुत बिखरी हुईं थी। भारत के लोगों का कोई एक पहचान पत्र नही हुआ करता था। सभी राज्य अपनी सुविधानुसार पहचान पत्र की मांग करते थे।कुछ समय बाद भारत में आम चुनाव हुआ और जवाहरलाल नेहरु को प्रधानमंत्री चुना गया। इसके बाद लीडरशिप ने देश के नागरिकों की पहचान और सरकारी सुविधाओं का लाभ देने के लिए निर्वाचन कार्ड (वोटर कार्ड) का इस्तेमाल करना शुरु कर दिया।समय बहुत तेजी से बदला। 80 का दशक आते – आते तकनीकी यानी टेक्नोलॉजी भारत में अपना पैर पसारने लगी। 1990 के बाद भारत में टेक्नोलॉजी ने अपना प्रभाव दिखाना शुरु कर दिया। चीजें टेक्नोलॉजी से चलाने लगी।इन सब बदलावो के बीच देश में एक ऐसा नागरिक पहचान पत्र की मांग होने लगी जिससे सभी नागरिकों की पहचान और उनके आवश्यक विवरण एक यूनिक नंबर पर दर्ज हों। 2016 में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) आधार अधिनियम 2016 के प्रावधानों के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत आधार कार्ड लांच किया गया।
आधार कार्ड लांच होने से भारत में यहां से नागरिकों को एक 12 अंकों का यूनिक पहचान नंबर मिला। 12 अंकों के इस यूनिक नंबर को आधार कार्ड नंबर कहा जाता है। इससें जहां भारत में कई दशकों से नागरिक पहचान की की कमी थी वह ख़त्म हो गई है।आधार कार्ड आने से देश के नागरिकों के साथ ही सरकार को बहुत अधिक लाभ हुआ। लाभ के क्रम में छोटे और मध्यम कारोबारियों को पहले स्थान पर रख सकते हैं। क्योंकि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकर द्वारा Udyog Aadhar योजना चलाई जा रही है। इस योजना द्वारा छोटे और मध्यम कारोबारियों की सीधे तौर पर लाभ मिलता है।
उद्योग आधार क्या है
सरकारी योजनाओं का मकसद लघु उद्योग का बढ़ावा देना और बंद पड़े या धीमी गति से चल रहे उद्यम को रफ़्तार देना होता है। ऐसे में जब किसी लोन योजना जैसे मुद्रा लोन योजना या अन्य कोई योजना शुरु की जाती है तो बहुत अधिक संख्या में कारोबारी आवेदन कर देते हैं।कई बार ऐसा भी होता है कि जिन उद्यमियों को बिजनेस लोन की जरूरत होती है उनको बिजनेस लोन योजना का लाभ नही मिल पाता है बल्कि किसी कम जरूरत वाले कारोबारी को लोन योजना का लाभ मिल जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बहुत अधिक आवेदन होने के चलते योग्य लाभार्थी की पहचान करना मुश्किल हो जाता है।स गफलत से बचने के लिए सरकार द्वारा एक तकनीक निकाली गई। योजना लाकर सभी छोटे और मध्यम उद्योग का रजिस्ट्रेशन करा लिया गया। इस योजना का नाम दिया गया “आधार उद्योग योजना”। आधार उद्योग योजना को उद्योग लोन योजना के नाम से भी जाना जाता हैइस योजना के अंतर्गत कारोबारी लघु उद्योगों से लेकर मध्यम उद्योगों का Udyog Aadhar योजना रजिस्ट्रेशन (Udyog Aadhar Registration) करा कर के सरकार की विभिन्न योजनाओं और सरकारी लोन योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन प्रोसेस कैसे होता है?
जैसे कि ऊपर बताया गया है आधार उद्योग रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस ऑनलाइन तरीके से होता है: आइये अब आपको आधार उद्योग के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के प्रोसेस के बारें में समझते हैं।
- सबसे पहले https://udyamregistration.gov.in/Government-India/Ministry-MSME-registration.htm वेबसाइट ओपन करें।
- वेबसाइट ओपन करने के बाद अपना आधार नंबर और कारोबारी का नाम लिखकर वैलीटीडेट और OTP जेनरेट करें।
- फॉर्म वैलीटीडेट होने के बाद उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन का फॉर्म खुल जायेगा।
- फॉर्म दो पार्ट में होगा। पहले पार्ट में कारोबारी की व्यक्तिगत जानकारी मांगी जाती है। फॉर्म के दूसरे पार्ट में कारोबार से संबंधित सभी तरह की जानकारी मांगी जाती है।
आधार उद्योग के फायदे क्या हैं?
आपके व्यवसाय के लिए उद्योग आधार पंजीकृत करने और उद्योग आधार नंबर प्राप्त करने के कई लाभ हैं। छोटे उद्यमों के संरक्षण, विकास और विकास के लिए एमएसएमई मंत्रालय द्वारा दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं से प्राप्त लाभों की सूची नीचे दी गई है। यही लाभ उद्योग आधार धारक भी उठा सकते हैं और उनके लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं।
उद्योग आधार के लाभ इस प्रकार हैं:-
- भुगतान में देरी के खिलाफ संरक्षण।
- विवादों का त्वरित समाधान
- बैंक से संपार्श्विक मुक्त ऋण
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में भाग लेने के लिए विशेष विचार
- चुंगी लाभ
- स्टाम्प शुल्क एवं पंजीयन शुल्क में छूट
- प्रत्यक्ष कर कानूनों के तहत कई छूट
- बारकोड पंजीकरण सब्सिडी
- एनएसआईसी प्रदर्शन और क्रेडिट रेटिंग पर सब्सिडी
- CGSTI के माध्यम से भारत सरकार से काउंटर गारंटी
- बैंकों से घटी ब्याज दर
- प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिए सीएलसीएसएस योजना के तहत 15% सब्सिडी
- सरकारी निविदाओं के लिए आवेदन करते समय छूट
- बिजली बिलों में रियायत
- आईएसओ प्रमाणन प्राप्त करने के लिए किए गए भुगतान की प्रतिपूर्ति
- OD . पर ब्याज में 1% की छूट
- इष्टतम कारणों से पात्र ऋण सीमा को रु. की राशि से बढ़ाना। 25 लाख से रु. 50 लाख
- गारंटी कवर की सीमा को 75% से बढ़ाकर 80% करना
- MSME/SSI द्वारा विशेष निर्माण के लिए उत्पादों का आरक्षण
- लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आसान पंजीकरण और अनुमोदन
- आईपीएस सब्सिडी के लिए पात्र
- सरकारी निविदाओं के आवंटन में वरीयता
- उत्पाद शुल्क छूट योजना
- बैंकों से घटी ब्याज दर
- पेटेंट पंजीकरण के लिए 50% सब्सिडी
- योजना का रजिस्ट्रेशन ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन भी होता है।
- किसी भी सरकारी योजना का लाभ सबसे पहले मितला है।
- एक व्यक्ति/एक कारोबार को एक ही बार उद्योग आधार नंबर मिलता है।
- प्रक्रिया काफी लचीली है।
- रजिस्ट्रेशन बिना कोई शुल्क दिए होता है।
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